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धुँआ छटा खुला गगन मेरा… औंधी में पंद्रह दिनों के भीतर मोबाइल वैन के माध्यम से पांच बुजुर्ग रूबरू हुए रौशनी से…

धुँआ छटा खुला गगन मेरा…
औंधी में पंद्रह दिनों के भीतर मोबाइल वैन के माध्यम से पांच बुजुर्ग रूबरू हुए रौशनी से…

मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के अंतर्गत लगे कैंप में एक पखवाड़े के भीतर ही पांच बुजुर्गों का हो गया चिन्हांकन एवं आपरेट भी करा लिया गया…

दुर्ग –  पंद्रह दिनों के भीतर औंधी गांव के पांच बुजुर्ग रोशनी से रूबरू हो गये। उनकी आँखें धुंधला रही थीं लेकिन आई चेकअप के लिए अस्पताल नहीं जा रहे थे जब अस्पताल खुद उनके गाँव आ गया तो उन्होंने चेकअप कराया, चेकअप में पता चला कि मोतिया फैल गया है और विलंब किया तो आंखों की दृष्टि चली जाएगी। शीघ्रता से जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का आपरेशन प्लान किया गया और अब सभी सफलतापूर्वक देख पा रहे हैं। ये कमाल मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के अंतर्गत चल रही मोबाइल मेडिकल यूनिट का कमाल है। औंधी सेक्टर देख रहीं नेत्र सहायक श्रीमती जसविंदर विरदी ने बताया कि औंधी में हर शुक्रवार को बाजार लगता है। बाजार में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। हमारी कोशिश यह होती है कि अधिकतर लोग बाजार में किसी तरह की दिक्कत होने पर जाँच करा लें, विशेषकर बुजुर्गों को आंख की चेकअप की सलाह देते हैं क्योंकि अधिकतर लोग मोतियाबिंद की वजह से धुंधली रोशनी ही देख पाते हैं लेकिन इतने से भी काम चलाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि हम मितानिनों के माध्यम से संदेश दे देते हैं कि गाँव में किसी को भी आंखों में किसी तरह की समस्या हो तो मोबाइल मेडिकल यूनिट में ही जांच करा ले, हमारे पास इसके लिए मशीनें हैं। मोतियाबिंद पता चलने पर हम डेट ले लेते हैं। जिला अस्पताल में शुगर बीपी की जाँच की जाती है और इसके बाद आपरेट कर दिया जाता है। बीएमओ पाटन डा. आशीष शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना ग्रामीणों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही है। हाट बाजार तो आना ही होता है वहीं सर्दी बुखार अथवा किसी तरह की तकलीफ होने पर जाँच करा लेते हैं और उन्हें दवा दे दी जाती है। चिकित्सकों को किसी गंभीर बीमारी की आशंका हो तो आगे के लिए रिफर कर देते हैं। प्रारंभिक स्तर पर ही रोग को ठीककर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का यह सार्थक प्रयास है और इसके अच्छे नतीजे जमीनी स्तर पर आ रहे हैं। श्रीमती भुरी बाई ने बताया कि उन्हें आँखें धुंधली दिख रही थी किसी ने बताया कि आँखों की जाँच गाड़ी में जाकर करा लो, बाजार में ही गाड़ी आती है वहीं डाक्टर भी रहते हैं और मशीन भी रहती है। मुझे डाक्टरों ने बताया कि तुम्हें मोतियाबिंद है और आपरेशन की सलाह दी। मैंने उनका कहना माना और जिला अस्पताल में जाकर इलाज करा लिया, अब मुझे सब कुछ पहले जैसा ही दिख रहा है। श्रीमती ढेला बाई ने बताया कि सब कुछ साफ दिख रहा है। अच्छा हुआ कि मैं हाट बाजार अस्पताल में चली गई। अब मैं अन्य बुजुर्गों को भी सलाह दे रही हूँ कि दिखने में थोड़ा भी धुंधला लगे तो वहां चली जाओ, बहुत अच्छा इलाज होता है।

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