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केन्द्रीय विद्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…

केन्द्रीय विद्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…

दुर्ग -आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल, दुर्ग द्वारा केन्द्रीय विद्यालय, जिला-दुर्ग में 07 अक्टूबर 2021 सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु“ स्कूली छात्र-छात्राओं के मध्य पर्यावरणीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। रूद्र नारायण सिन्हा, को-आर्डिनेटर ईको-क्लब दुर्ग द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य बताते हुए कहा कि प्लास्टिक मुक्त भारत के निर्माण का संदेश बच्चों के माध्यम से समाज तक पहुंचते हुए संकट से बचाने का प्रयास करना है। हमें कपड़े, जूट के थैले का उपयोग करना है। श्री शिव प्रसाद, रसायनज्ञ द्वारा प्लास्टिक के जलाने से हानिकारक गैसे के माध्यम से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनीता सावंत द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर “ सिंगल यूज प्लास्टिक“ के दुष्प्रभाव के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया गया। ऐसा प्लास्टिक का कोई भी पदार्थ जिसे हम केवल एक ही बार इस्तेमाल करते है वह सिंगल यूज प्लास्टिक है। आज हमारे पर्यावरण के समक्ष बहुत सी चुनौतियाँ हैं और आप सब जानते हैं कि विगत 150 सालों में हमने जो डेव्हलपमेण्ट किया है, जो प्रगति की है वह अधिक से अधिक आर्थिक उन्नति ही की। यह नहीं सोचा की धीरे-धीरे हम आगामी आने वाले समय में ऐसा डेव्हलपमेण्ट होगा। जो क्षणिक होगा और प्रकृति का विनाश हो जायेगा, क्योंकि प्रकृति नहीं रहेगी तो हम भी नहीं रहेंगे। यह समझना बहुुुत जरूरी है। आप सब जानते हैं कि प्लास्टिक ऐसे पदार्थों से मिलकर बनता हैं जिसे अगर जलाकर नष्ट करना चाहें तो ऐसी हानिकारक गैसें निकलती है जो न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करती है बल्कि मानव स्वास्थ्य एवं जीव-जन्तुओं के भी स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। हमारे छŸाीसगढ़ में किसी भी प्रकार का प्लास्टिक कैरी बैग्स प्रतिबंधित है, चाहे वह मोटा या पतला हो। हर तरह का प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग नहीं करना है। इसका डिस्पोजल एक बहुत बड़ी चुनौती है। अंत में केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य श्रीमती ग्लोरीय मिंज द्वारा बताया गया कि स्कूली छात्र-छात्राओं के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन हेतु आवश्यक है क्योंकि वे हमारे भविष्य हैं। केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षक श्री हिरवानी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक विलोपन हेतु मजरूह सुल्तानपुरी (मशहूर शायर) का एक कथन याद दिलाया कि मैं अकेला चला था। जानिब-ए-मंजिल, मगर लोग जुड़ते गये और कारवाँ बनता गया। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रीय अधिकारी श्री नन्दकुमार पटेल, प्रभारी रसायनज्ञ, लगभग 300 स्कूली छात्र-छात्राओं, केन्द्रीय विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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