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पहले आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, घर के सदस्यों के भरण पोषण की थी गंभीर समस्या, दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत मिला लोन… सवरने लगे जिंदगी….

पहले आर्थिक तंगी से जूझ रही थी, घर के सदस्यों के भरण पोषण की थी गंभीर समस्या, दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत मिला लोन… सवरने लगे जिंदगी….

 

दोना पत्तल बनाने की मशीन खरीदी और प्रतिमाह 10 हजार की हो रही है आय, घर का संचालन बच्चों की पढ़ाई से हुई चिंता मुक्त, और अब खुद का व्यवसाय भी है, जीवन की राह हुई आसान…

मां शेरावाली महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होकर एक नई दिशा की ओर हो रही है अग्रसर…

भिलाई नगर – मां शेरावाली महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सुगंति देवी सुपेला गदा चौक के पास की निवासी है! यह बताती है कि पहले अन्न के लिए और दो वक्त के खाने के लिए मुश्किल से गुजारा हो रहा था! घर का संचालन करने में परेशानी थी ऊपर से बच्चों की पढ़ाई की चिंता थी, घर के पुरुष सदस्य का स्वयं का कोई व्यवसाय नहीं था, चारों तरफ से रोजगार के कोई साधन नहीं दिख रहे थे! जब पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत रोजगार मेला के माध्यम से लोन मिलने की जानकारी हुई तो वर्ष 2017 में 1 लाख 50 हजार का लोन लेकर दोना, पत्तल मशीन खरीदने का फैसला लिया और रोजगार प्राप्त हुआ! दोना, पत्तल के विक्रय से धीरे-धीरे आय बढ़ती गई, और इन्हीं पैसों से उन्होंने अपने और परिवार के सदस्यों के लिए दुकान खोली तथा आज इनके द्वारा डेली नीड्स एवं दोना पत्तल के दो दुकानों का संचालन किया जा रहा है! बच्चों की पढ़ाई की चिंता से भी मुक्त हुई और घर का संचालन भी यह आसानी से कर रही है! दोना पत्तल के विक्रय से प्रतिमाह 10000 रुपए का आय अर्जित कर रही है! योजना के लाभ मिलने से यह सब संभव हो पाया है! उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हुए हैं! इसी तारतम्य में योजना के नोडल अधिकारी सुनील अग्रहरि एवं सहायक परियोजना अधिकारी फणींद्र बोस स्व सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं! मां शेरावाली महिला स्व सहायता समूह की सफलता की कहानी बताती है कि आज वह आर्थिक रूप से मजबूत हो चुकी है! समूह की अध्यक्ष सुगंती देवी ने बताया कि वह पहले घर की परिस्थितियों को देखते हुए घर की आर्थिक रूप से मदद करना चाह रही थी! इसके लिए उन्होंने सिलाई मशीन खरीदकर सिलाई के माध्यम से अपना कार्य प्रारंभ किया, सिलाई का काम अधिक होने पर पैरों में सूजन आने की समस्या हुई! तब दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की जानकारी मिली और उन्होंने लोन लेकर खुद का अपना व्यवसाय करने की ठानी! योजना से लोन मिला और दोना, पत्तल की मशीन खरीदी तथा दोना, पत्तल बनाने का काम शुरू हुआ! यहीं से महिला को सफलता मिलना शुरू हुआ! अब डिमांड इतनी है कि पूर्व से भी ऑर्डर मिल रहा है, 1 घंटे में 65 बंडल दोना, पत्तल इनके द्वारा तैयार किया जाता है और एक बंडल में लगभग 20 दोना पत्तल होते हैं! दोना, पत्तल के विक्रय से प्रथम वर्ष में ही एक लाख की आय हुई दूसरे वर्ष 2018 में 1 लाख 20 हजार मिले और तीसरे वर्ष 1 लाख 35 हजार की बिक्री हुई! इस प्रकार से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलने लगा और इरादे मजबूत होते गए! मां शेरावाली महिला स्व सहायता समूह में सचिव देवकी साहू एवं कोषाध्यक्ष सुनीता पांडे भी शामिल है! समूह के अध्यक्ष ने बताया कि दोना, पत्तल के लिए कच्चा सामग्री रायपुर से क्रय किया जा रहा है, आसपास के मोहल्ले सहित अन्य क्षेत्र के नागरिक दोना, पत्तल खरीदने पहुंच रहे हैं, भिलाई के कई व्यापारी यहीं से दोना और पत्तल खरीद रहे है! 1 दिन में तीन से अधिक बोरी दोना, पत्तल का विक्रय आसानी से हो रहा है! विद्युत से चलने वाली इस मशीन से छोटा दोना, बड़ा दोना एवं अलग-अलग प्रकार के पत्तल महिलाओं के द्वारा तैयार किए जा रहे हैं और इसके विक्रय से आर्थिक उन्नति की राह पर अग्रसर हो रहे हैं!

 

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