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एक शिक्षक से पीएससी तक का सफर… ऐसी हैं दुर्ग के नव पदस्थ सीएसपी कौशलेंद्र का सफरनामा….
एक शिक्षक से पीएससी तक का सफर… ऐसी हैं दुर्ग के नव पदस्थ सीएसपी कौशलेंद्र का सफरनामा….
“बेहतर संवाद” के सुपर एक्सक्लूसिव चर्चा के दौरान दुर्ग के नवपदस्थ सीएसपी ने अपने कार्य क्षेत्र एवं व्यक्तिगत पहलुओं को हमसे साझा की.
दुर्ग – दुर्ग के नव पदस्थ सीएसपी ने बताया उनका जन्म छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुआ जहां प्राथमिक शिक्षा से दंतेवाड़ा फिर छठवीं से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कोंडागांव से पूरी हुई. उन्होंने शुरुआती दौर में ग्रेजुएशन के बाद शिक्षाकर्मी वर्ग 2 में सेलेक्ट हुए यहां 2 वर्षों तक कार्य करने का अनुभव मिला. फिर एडीओ दंतेवाड़ा, कटेकल्याण रहे.
शिक्षाकर्मी में रहते हुए पीएससी की तैयारी साथ ही साथ कि. जिसका परिणाम रहा 2014 में डीएसपी के रूप में चयन हुआ फिर चंदखुरी से ट्रेनिंग लेकर पहली पोस्टिंग प्रोविजनल डीएसपी के रूप मे बलोदा बाजार में रहीं जहां उन्होंने 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया. उसके बाद एसडीओपी महासमुंद जिला पिथोरा मैं कार्य करने का अनुभव मिला. फिर एसडीओपी अंतागढ़ 2 वर्ष का कार्यकाल रहा. सीएसपी के डी पटेल ने बताया मूलतः बलौदा बाजार के ग्राम कुनारी तहसील पल्लारी के रहने वाले श्री पटेल के पिता स्वर्गीय केशवराम भी शिक्षक परिवार रहे. हाल ही में हुए ट्रांसफर के बाद राज्य सरकार ने दुर्ग जैसे वीवीआइपी जिला मैं कार्य करने का अवसर दिया है जहां मेरी पूरी कोशिश रहेगी मैं बेहतर ढंग से कार्य को संचालित कर सकूं. और लोगों को न्याय दिला सकूं. उन्होंने आगे बताया दुर्ग वीवीआइपी जिला है वीवीआईपी की सुरक्षा पहली प्राथमिकता के साथ शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करना व तत्कालीन सीएसपी विवेक शुक्ला के द्वारा चलाए जा रहे हैं नशा मुक्ति अभियान को भी मेरे द्वारा आगे भी मूर्त रूप दिया जाएगा. और हर मामले में पारदर्शिता बरतूंगा. वही अपने परिवार के बारे में बताया कि उनकी पत्नी के अलावा 3 वर्ष का बेटा डेढ़ वर्ष की एक बेटी भी है. पत्नी सोनम पटेल महासमुंद जिले में लेबर इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ है. क्योंकि मैं सामान्य परिवार से था तेरी इच्छा मेडिकल लाइन में जाने की थी लेकिन पहले मैं गुरुजी बना फिर पीएससी की तैयारी कर आज कड़ी मेहनत करते हुए सीएसपी जैसे पद पर आसीन हू. जब मेरा चैन पीएससी में हुआ परिवार में खुशियों का माहौल निर्मित हो उठा था. पिताजी शिक्षक से लेक्चरर के पद पर से रिटायर हुए. वही आज के युवाओं से मेरी अपील है कि सही या गलत के मायने को समझे युवाओं को अगर सही मार्गदर्शन व रास्ता दिखाया जाए तो उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. सही मार्गदर्शन देकर उनकी ऊर्जा का सही जगह उपयोग किया जा सकता है….