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छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव में जन्मे … फिर आईआईटी खड़कपुर से बीटेक … उसके बाद यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर बने आईपीएस अफसर…..
छत्तीसगढ़ के छोटे से गांव में जन्मे … फिर आईआईटी खड़कपुर से बीटेक … उसके बाद यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर बने आईपीएस अफसर…..
दुर्ग – देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक आईआईटी खड़कपुर जो कि देश व विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाना जाता है. जहां से बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर किसी अन्य सर्विस में जाने का मन. न बनाकर देश सेवा का भाव मन में समाये. कुछ बेहतर करने की सोच के बाद कड़ी मेहनत और लगन से दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर. आईपीएस अफसर बन ट्रेनिंग के दिनों से लेकर अब तक का सफर. … जी हां हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ में जन्मे 2008 बैच के युवा डैशिंग खुशमिजाज आईपीएस अफसर प्रशांत अग्रवाल की जिन्होंने बेहतर संवाद के सुपर एक्सक्लूसिव चर्चा के दौरान अपने व्यक्तिगत एवं कार्यक्षेत्र के अनुभवों को हमसे साझा की…
युवा डैशिंग आईपीएस प्रशांत अग्रवाल बताते हैं उनका जन्म सूरजपुर के भैयाथान ग्राम में हुआ जहां अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की के बाद नवोदय विद्यालय दाखिला लिया. जहां से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की उसके बाद इंजीनियरिंग का एंट्रेंस एग्जाम पास कर देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक आईआईटी खड़कपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर वहां से डिग्री प्राप्त की. डिग्री के बाद 2 वर्षों तक ना ही जॉब की. सिर्फ और सिर्फ यूपीएससी की तैयारी की आईआईटी से पास आउट होने के बाद बहुत से जॉब के ऑफर जरूर मिले पर मन में तो कुछ और ही था. यूपीएससी का सपना दिल और दिमाग में ग्लूकोज की तरह घुल गया था. परिवार के सभी लोग का साथ मिला व डिग्री के बाद दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर आईपीएस बनने का सपना भी पूरा हुआ. जैसे ही यूपीएससी का रिजल्ट आया घर व आसपास खुशियों जैसा माहौल निर्मित हो उठा सबके चेहरे पर सुकून खुशी के भाव झलक रहे थे…
युवा डैशिंग आईपीएस प्रशांत अग्रवाल आगे बताते हैं माता पिता व परिवार के सदस्यों का सहयोग व प्रेरणा हमेशा मिलता है पर मेरी इस कामयाबी के पीछे माता पिता के साथ साथ उन शिक्षकों का भरपूर योगदान रहा जिन्होंने मुझे पढ़ाया व रास्ता दिखाया…
आगे युवा आईपीएस प्रशांत अग्रवाल परिवार के बारे में बताते हुए कहा कि पिता जी मेडिकल शॉप का संचालन करते हैं व माता घर में रहकर घर की देखभाल करती हैं वही एक बड़े भैया और एक बड़ी बहन है बड़े भैया का कपड़ों का कारोबार है घर में मैं सबसे छोटा हूं… दो बच्चों का पिता भी हूं वाइफ डेंटिस्ट है…
आगे आईपीएस ने प्रशांत अग्रवाल ने बताया आईपीएस की ट्रेनिंग हैदराबाद के बाद छत्तीसगढ़ कैडर मिला जहां पहली पोस्टिंग बतौर प्रशिक्षु अफसर कांकेर के रूप में कार्य करने का अवसर मिला उसके बाद एसडीओपी नारायणपुर फिर जगदलपुर कमांडेड के रूप में कार्य करने का अवसर रहा फिर कोंडागांव में बतौर पुलिस अधीक्षक 2 साल कार्य करने का अवसर मिला उसके बाद जांजगीर-चांपा जिले में 2 वर्षों तक कार्य का निर्वहन बतौर पुलिस अधीक्षक के रूप में किया. पुलिस अधीक्षक के रूप में राजनांदगांव जिले में भी 2 वर्ष कार्य करने का अवसर मिला उसके बाद बलौदा बाजार जिले में 2 वर्षों तक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी फिर ट्रांसफर होकर एआईजी साइबर रायपुर में अपनी सेवाएं दी उसके बाद बिलासपुर जिले में भी पोस्टिंग हुई जहां पुलिस अधीक्षक के रूप में 2 वर्ष तक सेवाएं देने का अवसर मिला. उसके बाद शासन द्वारा हाल ही में ट्रांसफर करते हुए दुर्ग जिले की जिम्मेदारी सौंपी. कुछ दिन पूर्व ही जिले की कमान संभाली है…
बीते 13 वर्षों के कार्यकाल के दौरान सबसे सुखद अनुभव राजनांदगाव में किडनेप हुए बच्चे की पुलिस के अथक प्रयासों से सकुशल वापसी एक पुलिस कप्तान के रूप में मन में शांति व खुशी का भाव उत्पन्न होता रहा उस दौरान….
अपने अनुभव में से एक अनुभव मैं आईपीएस प्रशांत अग्रवाल ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों में भी बदलाव देखा जा रहा है ज्यादा से ज्यादा लोग ग्रामीण क्षेत्र से पुलिस से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. जो कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए मददगार साबित हो सकती है.
वही आईपीएस प्रशांत अग्रवाल ने दुर्ग जिले का पुलिस अधीक्षक के रूप में चार्ज लेते ही ताबड़तोड़ कार्यवाही प्रारंभ की जिससे अवैध रूप से कार्य करने वाले गुंडे बदमाश के मन मे कानून का भय हमेशा रहे.. गुंडे बदमाशों की शिकायत मिलने पर तत्काल पुलिस एक्शन ले जिससे आम लोगों के मन में पुलिस पर विश्वास बना रहे…
अक्सर देखने को मिलता है समाज के लिए बेहतर कार्य करने वाले को आइडियल के रूप में लिया जाता है एक आईपीएस अफसर को देखकर पढ़ने लिखने वाले युवा अपना आइडियल जरूर मानते हैं? उनके जैसे बनने की मन में कहीं ना कहीं इक्षा जागृत होती होंगी? ऐसे युवाओं को दुर्ग पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने संदेश के माध्यम से कहा कि कोई भी कार्य उत्साह के साथ करें सही दिशा पर रहना समय का सदुपयोग करना व रास्ता न भटकना पूरी ईमानदारी व लगन के साथ मेहनत करना लक्ष्य चाहे जो भी हो निश्चित ही सफलता मिलेगी…